Description
हर वर्ष मुहर्रम की 10वीं तारीख को हम शहीदाने कर्बला को याद करते हैं। कर्बला की घटना, अनिवार्य रूप से, हमारे लिए महान सामाजिक अर्थ रखने वाली एक घटना है, और इसका हमारी नैतिकता और चरित्र पर सीधा प्रभाव पड़ता है। यह एक ऐसी घटना है जो सच और इंसाफ के लिए लडी जाने वाली लडाईयों के लिए हमेशा आदर्श बनी रहेगी। हमेशा याद रखा जायेगा की कैसे इमाम हुसैन रजि० ने एक बड़ी सेना के विरुद्ध केवल अपने 72 साथियों के साथ शहादत को गले लगाया। कर्बला की शहादत हमें यह शिक्षा देती है की सत्ता हुक़्मरानी और ऐश का नाम नही है बल्कि लोगों की खिदमात का नाम है। सत्ता पीढी दर पीढी चलने वाली मिल्कियत नही है बल्कि लोगों द्वारा तय की जाने वाली व्यवस्था है जो सबको बराबरी दिलाने और इंसाफ दिलाने का नाम है। कर्बला में इमाम हुसैन रजि० ने उन सभी मूल्यों की स्थापना की जो इस्लाम हमें सिखाता है।
हालांकि की कर्बला की शहादत और इमाम हुसैन रजि० की कुर्बानी को किसी पुस्तक में समेटना एक चाँद को चिराग़ दिखाने जैसा है फिर भी आप सबकी दुआओं से इस छोटी सी पुस्तक के माध्यम से कर्बला की उन महत्वपूर्ण घटनाओं को समेटने का प्रयास किया है। आशा है कि इस पुस्तक के माध्यम से आपको इमाम हुसैन रजि० की शहादत और उनके आदर्शों को समझने में सहायता मिलेगी।
अवैस असगर हाशमी
Reviews
There are no reviews yet.